एनो सेवियर रक्तस्राव और गैर-रक्तस्रावी बवासीर के इलाज के लिए एक आदर्श हर्बल फॉर्मूलेशन है। नागकेसर (मेसुआ फेरिया), लज्जालु (मिमोसा पुडिका), रक्तनिर्यासा (खून खराबा) (डेमेनोरॉप्स ड्रेको), और धमासा (फेगोनिया क्रेटिका) जैसी जड़ी-बूटियाँ रक्तस्राव को रोकने, बवासीर से राहत दिलाने और घाव भरने में मदद करती हैं।
हरड़ (टर्मिनलिया चेबुला), चित्रक (प्लम्बेगो ज़ेलेनिका) और दारुहरिद्रा (बर्बेरिस एरिस्टाटा) अपच, गैस और एसिडिटी और गुदा की सूजन को कम करते हैं। इन सभी जड़ी-बूटियों में रक्तस्राव रोधी, कसैले और ठंडक देने वाले गुण होते हैं।
एनो सेवियर के उपयोग से एनोरेक्टल विकार जैसे पाइल्स (सभी चरण), फिस्टुला-इन-एनो और एनल फिशर का प्रबंधन होता है। यह संयोजन आपके पाचन तंत्र को मजबूत करता है और एनोरेक्टल विकारों के कारणों को दूर करता है।
एनो सेवियर दर्द और सूजन को अंदर से दूर करने के लिए एक पूर्ण-आयुर्वेद दृष्टिकोण लाता है। चूंकि गुदा संबंधी विकार सबसे जटिल होते हैं, इसलिए हम आपको हमारे आयुर्वेद विशेषज्ञों से परामर्श करने की सलाह देते हैं ताकि वे आपकी बीमारी के मूल कारण और सटीक स्थिति का विश्लेषण कर सकें और आपको एनो सेवियर की उचित खुराक का सुझाव दे सकें और यदि आवश्यक हो तो अन्य आयुर्वेदिक दवाएं भी जोड़ सकें। त्रिफला गुग्गुल, करक्यूमिन, कसीसादी थाइलम, निर्गुंडी थाइलम और रोज़ आउट जैसे उत्पाद भी बहुत फायदेमंद हैं और हमारे स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा आपकी स्थिति के अनुसार इन्हें जोड़ा जा सकता है।
अपने शरीर को स्वस्थ और सामान्य अवस्था में बदलते हुए इस बदलाव को देखें। गुदा-मलाशय संबंधी विकारों के लिए आयुर्वेदिक उपचार सबसे सुरक्षित और सर्वोत्तम माने जाते हैं।